गजट क्या है जानिये हिंदी में।

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गजट एक प्रकार का समाचार पत्र का समानार्थी शब्द है, जिसमें सभी प्रकार की सामाजिक घटनाओं का सार संग्रह होता है या यह भी कह सकते हैं कि यह एक प्रकार का बहु प्रयुक्त प्राचीन शब्द है, जो अब ज्यादा सुनाई नहीं देता है। अगर गौर किया जाए तो गजट प्रयोग बीसवीं शताब्दी के आरंभ तक बहुतायत से किया गया है किंतु अब इसे ज्यादा प्रचलित नहीं माना गया।

 जिस प्रकार से हम आज सभी प्रकार के समाचार सामाजिक, राजनीतिक गतिविधि, खेल आने की जानकारी अखबार से मिलती है उसी प्रकार गजट में भी हमें सारे समाचार हासिल होते हैं। गजट का उपयोग प्राचीन समय से ही किया जा रहा है। पूर्व काल से ही अर्थशास्त्री, वैज्ञानिक गजट की जानकारी को ही सही मानते आए हैं।

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गजट की उत्पत्ति कैसे हुई ?

दोस्तों, गजट शब्द भारतीय पत्रकारिता में भी प्रसिद्ध है। भारतीय गजट के रूप में बंगाल गजट (1780) हिक्की गजट (1780) इंडियन गजट (1780) मद्रास गजट (1795) बहुत ज्यादा प्रचलित हुए थे बीसवीं शताब्दी के बहुतायत से पाए जाने के बाद सिविल गजट, मसूरी गजट इनके अंग्रेजी में अपवाद है, जो काफी प्रचलित हुए थे। यह अलग अलग राज्य के नाम से बाजारों में आते हैं और पूर्ण रूप से प्रचलित भी रहते हैं।

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गजट कितने प्रकार के होते है ?

गजट दो प्रकार के होते हैं जो निम्न प्रकार बताये गए हैं :-

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पहला केंद्र सरकार द्वारा और दुसरा राज्य सरकार द्वारा इन दोनों ही माध्यम से सरकार ने लोगों तक सही जानकारी पहुंचाने का जरिया गजट को बनाया है। यह सप्ताहिक पत्रिका होती है, जो  सरकारी जानकारी के लिए प्रसिद्ध है।

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गजट का उद्देश्य क्या है?

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जब भी राज्य सरकार या केंद्र सरकार को कोई बड़ा कानून लागू  करना होता है, तो वे गजट के ही माध्यम से लागू किया जाता है। दोनों सरकारों का कार्य गजट के अंतर्गत ही माननीय होता है। हर राज्य  सरकार का और केंद्र सरकार की ओर से यही एक बुकलेट या पत्रिका के रूप में होता है, जो प्रत्येक सप्ताह को छापा जाता है। यदि आप चाहें तो गजट के माध्यम से ही अपना नाम, लिंग, सरनेम, धर्म आदि बदलवा सकते हैं। यहां तक कि किसी दस्तावेज में हुई गलती को भी आसानी से गजट के माध्यम से सही किया जा सकता है।

कई बार ऐसा होता है कि शादी के बाद लड़कियों के नाम और सरनेम में परिवर्तन आ जाता है ऐसी स्थिति में गजट के माध्यम से नाम बदला जा सकता है। कई बार आपने देखा होगा कि लोग धर्म बदल कर शादी करते हैं इस मामले में भी गजट के माध्यम से ही नाम बदला जा सकता है। किसी जरूरी दस्तावेज को बनाने के लिए भी अपना नाम और सरनेम बदलना पड़ता है, उसके लिए भी गजट उपयोगी होता है।

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नाम बदलने का कारण :-

जब भी आप नाम या सरनेम बदलना चाहते हैं, तो प्रक्रिया के तहत आपको नाम या सरनेम बदलने का कारण भी बताना होगा। कई बार लोगों को कई वजह से नाम बदलना पड़ सकता है। यदि किसी व्यक्ति या सरकारी लोगों को आपके नाम बदलने से कोई आपत्ति ना हो, तो इस वजह से कारण देना जरूरी होता है। 2 भाषा में विज्ञापन भी इसलिए दिया जाता है क्योंकि किसी भी व्यक्ति को नाम बदलने से आपत्ति ना हो। यदि किसी व्यक्ति को आपत्ति नहीं है, ऐसे में नया नाम ही मान्य होता है।

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नाम बदलने की कानूनी प्रक्रिया

यदि किसी कारणवश आपको अपना नाम बदलने की आवश्यकता हो या कई बार धर्म ही बदल दिया जाता है, तो इसके लिए आपको” नेम चेंज प्रोसीजर” के तहत एक बात हमेशा याद रखना है कि आपको कोई भी दो न्यूज़ पेपर में नाम बदलने का विज्ञापन देना पड़ेगा। न्यूज़पेपर में आपके पुराने नाम और नए नाम को भी शामिल करना होगा। आपको विज्ञापन देना होगा कि आप नाम और सरनेम बदलना चाहते हैं।

नाम सरनेम बदलने की प्रक्रिया में एक शर्त यह होती है कि विज्ञापन देने के लिए अंग्रेजी न्यूज़ पेपर या कोई लोकल भाषा के न्यूज़ पेपर का चुनाव करना होता है। नाम बदलने के विज्ञापन के लिए आपको ₹10 का स्टांप पेपर पर एफिडेविट टाइप करवाना पड़ता है। हर राज्य का स्टांप पेपर का मूल्य अलग अलग हो सकता है।

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नाम बदलवाने के लिए एफिडेविट बनाने का तरीका

गजट क्या है जानिये हिंदी में।                            शपथ पत्र

किसी भी व्यक्ति को अपने नाम में बदलाव का गजट नोटिफिकेशन के लिए सबसे पहला दस्तावेज उस व्यक्ति का एक अंडरटेकिंग शपथ पत्र चाहिए होता है। जिसमें वे इस बात का उल्लेख करता है कि किन कारणों से वह अपना नाम बदल रहा है और नाम बदलने के कारणों के साथ ही उसका अब भविष्य में क्या नाम होगा।

इस बात का उल्लेख भी करना होता है उसके पूर्व के दस्तावेज किस नाम से जारी हैं उन सभी का उल्लेख इस शपथ पत्र में करना होता है। ऐसा शपथ पत्र राज्य केंद्र के किसी शपथ आयुक्त या नोटरी वकील द्वारा तस्दीक किया जाता है। एक न्यूनतम स्टांप पर ऐसा शपथ पत्र तैयार किया जाता है।

  •  सबसे पहले एफिडेविट में अपना नाम, पता, उम्र लिखना होता है।
  • उस एफिडेविट में आप यह लिखना नहीं भूलेंगे कि आप भारत देश के नागरिक हैं।
  •  उसके बाद आप उसमें नाम और सरनेम बदलने  के बारे में लिखेंगे।
  • जो भी नया नाम आप खुद के लिए चाहते हैं, वह नाम भी आपको वहां पर बताना होगा।
  • ज्यादातर एफिडेविट अंग्रेजी भाषा में ही बनाया जाता है क्योंकि इसकी शुरुआत अंग्रेजी भाषा में ही हुई थी।
  • इस एफिडेविट के साथ आधार कार्ड की कॉपी संलग्न करनी होती है, जो आपकी भारतीयता का प्रमाण होगा
  •  इस प्रक्रिया के होने के बाद आप एफिडेविट को अखबार में छपने के लिए दे सकते हैं।
  •  न्यूज़पेपर दफ्तर में एफिडेविट को छापने के लिए आपको कुछ फीस अदा करनी होगी और अखबार की एक प्रति अपने पास ही रखें।

PART :OF E STAMP CERTIFICATE ………..

…………………….[ स्टांप पेपर का नंबर]

AFFIDAVIT FOR NAME CHANGE

1 …………………………..( यहां पूरा नाम लिखें) …….,……………….S, D, SH./SMT……………………( यहां अपने पति या पिता का नाम)……………………..R/O……………………….( यहां अपना पता)……………………………..DO HEREBY SOLEMNLY AFFIRM AND DECLARED AS UNDER.

1 I AM CITIZEN OF INDIA AND RESIDING AT THE ABOVE SAID ADDRESS.

2 THAT MY PRESENT NAME IS ………………( यहां पर अपना पुराना नाम ही लिखें) ………………………NOW I WANT TO CHANGE MY OLD NAME TO NEW NAME/ SURNAME……………………….( यहां अपना आप नया नाम या सरनेम जो आपको बदलवाना  है लिखें)……………………

3 THIS IS MY TRUE AND CORRECT STATEMENT.

4 THAT IF ANY INFORMATION IN THIS AFFIDAVIT IS FOUND TO BE FALSE OR BE INCOMPLETE AT ANY STAGE NOW OR LATER. I AM LIABLE TO BE PROSECUTED UNDER RELEVANT LAW.

DEPONENT.                                                       VERIFICATION

VERIFIED AT NEW DELHI/(आपका राज्य ) ON THIS ……………………( उस दिन की तारीख) …………………..THAT THE CONTENTS TO THE BEST OF MY KNOWLEDGE AND BELIEF.                                                               DEPONENT

इसके अलावा एक एफिडेविट इस कारण के लिए भी बनाया जाता है, इसमें अपना नाम और सरनेम के बदलने का कारण भी होता है। गजट क्या है जानिये हिंदी में। यदि आप अपने नाम के आगे सरनेम ना लगाना चाहे तो उसका भी कारण एफिडेविट देना होता है। इसके अलावा यदि शादी के बाद लड़की का नाम या सरनेम बदले, तो इसका कारण सहित एफिडेविट बनवाना मान्य होगा।

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नाम सरनेम बदलने के लिए आवश्यक दस्तावेज –

गजट नोटिफिकेशन के लिए नाम बदलाव के आवेदन को सीधे डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन के दफ्तर दिल्ली में जमा किया जाता है। यह आवेदन को डाक के माध्यम से भी डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन के पास भेजा जा सकता है और स्वयं जाकर भी इस आवेदन को जमा किया जा सकता है। पर यह ध्यान रहे कि यह आवेदन डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन के पास ही जाना चाहिए क्योंकि नाम बदलाव का गजट नोटिफिकेशन इस विभाग द्वारा किया जाता है।

सभी के लिए नाम एवं सरनेम बदलने की प्रक्रिया में कुछ दस्तावेज जरूरी होते हैं। इन दस्तावेजों के ना होने पर प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाती है।

  • नाम बदलने का आवेदन
  • एफिडेविट
  • आधार कार्ड
  • माता-पिता का आधार कार्ड

इन सभी दस्तावेजों को जिला व राज्य की पब्लिकेशन ऑफिस में जाकर जरूरी फीस की स्लिप के साथ जमा कर दें। इसके बाद डाक द्वारा सरकारी राज्य पत्र भेजा जाता है, जिसमें सरकारी राजपत्र “नेम चेंज” के कॉलम की सूचना प्रकाशित हुई थी। इसके बाद ही सारी प्रक्रिया पूर्ण हो जाती है अगर आप चाहे तो अपना आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड में नाम भी चेंज करवा सकते हैं।

गजट नोटिफिकेशन के लिए नाम बदलाव के आवेदन को सीधे डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन के दफ्तर दिल्ली में जमा किया जाता है। यह आवेदन को डाक के माध्यम से भी डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन के पास भेजा जा सकता है गजट क्या है जानिये हिंदी में।और स्वयं जाकर भी इस आवेदन को जमा किया जा सकता है। पर यह ध्यान रहे कि यह आवेदन डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन के पास ही जाना चाहिए क्योंकि नाम बदलाव का गजट नोटिफिकेशन इस विभाग द्वारा किया जाता है।

सभी के लिए नाम एवं सरनेम बदलने की प्रक्रिया में कुछ दस्तावेज जरूरी होते हैं। इन दस्तावेजों के ना होने पर प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाती है।

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नाम व सरनेम बदलने की प्रक्रिया की समय सीमा –

नाम समय बदलने की स्थिति में सही प्रकार से प्रक्रिया पूरी होना जरूरी है। इस प्रक्रिया को पूरी करने में दो चरण रखते हैं। पहले चरण में न्यूज़पेपर में नाम आता है गजट क्या है जानिये हिंदी में। और इसमें कम से कम 7 दिन का समय लगता है और दूसरे चरण में लगभग 2 सप्ताह का समय लग जाता है। जब सरकार के राज्य पत्र में नाम आता है। यह गजट सप्ताह में एक बार ही निकलता है। पेपर निकलने के 6 महीने बाद ही फिर से गजट के लिए आवेदन कर सकते हैं।

गजट नोटिफिकेशन किस प्रकार का होता है?

गजट नोटिफिकेशन कुछ इस प्रकार से दिखाई देता है:

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गजट का नोटिफिकेशन हार्ड कॉपी के माध्यम से नहीं होता है बल्कि इसकी सॉफ्ट कॉपी वेबसाइट पर उपलब्ध होती है। डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन की वेबसाइट पर गजट नोटिफिकेशन जारी होते रहते हैं। व्यक्ति को स्वयं भी चेक करना होता है कि किस दिनांक को उसका नोटिफिकेशन जारी हुआ है या फिर इसकी सूचना डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिकेशन के दफ्तर दिल्ली से सरलता पूर्वक प्राप्त की जा सकती है।

अपने नाम बदलाव के गजट नोटिफिकेशन को वेबसाइट से डाउनलोड कर उसकी सॉफ्ट कॉपी अपने पास रखी जा सकती है। उस डाउनलोड नोटिफिकेशन के माध्यम से ही सभी दस्तावेजों में सरलता पूर्वक नाम चेंज किया जा सकता है। यूनिवर्सिटी से लेकर राजस्व विभाग के दफ्तर तक सभी जगहों पर इस नोटिफिकेशन को देकर नाम को बदला जा सकता है।

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स्टडी डॉक्यूमेंट में नाम कैसे बदलें?

अंक तालिका के प्रमाण पत्र में नाम बदलने के लिए निम्न प्रकार बताया गया है।

अगर आप किसी यूनिवर्सिटी का सेंटर बोर्ड में अपना नाम या सरनेम बदलना चाहते हैं, तो नाम बदलने की प्रक्रिया के बाद गजट की कॉपी के साथ आप अपना नाम और सरनेम बदलवा सकते हैं। इसके लिए गजट की कॉपी का होना अनिवार्य होगा। इसके बाद आप अपना नाम और सरनेम आसानी से  बदल सकते हैं। लेकिन सीबीएसई इस मामले में गजट की मान्यता स्वीकार नहीं करती और नाम भी नहीं बदलती है। हा आगे भविष्य में हो सकती है

आपके नाम परिवर्तन को वैध बनाने के लिए सभी दस्तावेजों को सही प्रकार से रखकर तथा उपयुक्त बैंक रिकॉर्ड प्रमाण पत्रों और किसी अन्य दस्तावेज में अपना नाम बदलने के लिए महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है। ऐसा भी देखा जाता है कि प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी राजपत्र को अधिसूचित करना आवश्यक नहीं माना जाता है। भारत देश में जितने भी सरकारी कर्मचारी होते हैं उनके पास गजट नोटिफिकेशन के लिए आवश्यक नियम होते हैं। जिनके आधार पर ही कार्य किया जाता है

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निष्कर्ष

इस आर्टिकल के माध्यम से हमने जाना की गजट क्या है गजट की उत्पत्ति कैसे हुई गजट कितने प्रकार का होता है और गजट का उद्देश्य क्या होता है
कई मामलों में नाम बदलने का कारण नाम बदलने की कानूनी प्रक्रिया बताई गई है नाम बदलवाने के लिए एफीडेट बनाने का तरीका बताया गया है जिसमें लगने वाले कुछ जरूरी दस्तावेज बताए गए हैं गजट क्या है जानिये हिंदी में।
गजट नोटिफिकेशन किस प्रकार का होता है वह दर्शाया गया है और अपने स्टडी डॉक्यूमेंट में नाम कैसे बदला जाता है इसके बारे में विवरण में बताया गया है
हम उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा इसके अलावा आपके मन में कुछ सवाल या सुझाव है तो हमे कमेंट बॉक्स में बताइए

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∼अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नोउत्तर∼

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Q1.गजट क्या है ?

Ans. गजट ‘संवादपत्र’ (newspaper) का पर्याय तथा समानार्थक एवं बहुप्रयुक्त प्राचीन शब्द। गजट सामयिक घटनाओं का सारसंग्रह होता है। यह ‘आदि समाचारपत्र’ का एक भेद है जिसका नामकरण और प्रकाशन, वेनिस की सरकार द्वारा सन् 1566 में गजट के रूप में हुआ।

Q2. गजट कितने प्रकार के होते हैं?
Ans. गजट जिसे हिन्दी में राजपत्र कहते हैं, दो प्रकार के होते है। पहला केंद्र सरकार का और दूसरा राज्य सरकार का।
Q3. गजट का उपयोग क्या है?
Ans. एक आधिकारिक राजपत्र किसी देश का या किसी देश के प्रशासनिक हिस्से का कानूनी समाचार पत्र होता है, जो नए कानूनों, फरमानों, विनियमों, संधियों, कानूनी नोटिस और अदालती फैसलों का पाठ प्रकाशित करता है।
Q4.गजट नोटिफिकेशन के लिए कितना टाइम है?
Ans. शपथ पत्र और समाचार पत्र प्रकाशन: शपथ पत्र तैयार करने, इसे नोटरीकृत करने और समाचार पत्रों में एक नोटिस प्रकाशित करने सहित इस प्रारंभिक चरण में लगभग 1-2 सप्ताह लग सकते हैं। राजपत्र अधिसूचना: राजपत्र अधिसूचना के लिए आवेदन करने में आमतौर पर लगभग 2-4 सप्ताह लगते हैं।
Q.5 नाम सरनेम बदलने के लिए आवश्यक दस्तावेज कोनसे है ?
Ans
  • नाम बदलने का आवेदन
  •  एफिडेविट
  • आधार कार्ड
  • माता-पिता का आधार कार्ड

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